छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग
 
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औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा
अन्य जानकारी
कारखाना अधिनियम

कारखाने में कार्यरत श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तथा उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कारखाना अधिनियम 1948, वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 एवं मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961 तथा श्रमिक क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 मे प्रावधान किए गए हैं, जिनका संक्षिप्त बिन्दुवार विवरण निम्नानुसार है:-

  • कारखाना अधिनियम-
    • कारखाने का कार्य वातावरण श्रमिकों के स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित रखा जाना।
    • कारखाने को स्वच्छ, धूल तथा विषैले गैसों से मुक्त, समस्त रास्तों तथा पहंुच मार्गों को बाधा रहित रखा जाना ।
    • श्रमिकों को कार्य अनुरूप उपयुक्त सुरक्षा उपकरण जैसे- जूते, दस्ताने, हेलमेट, फेसशील्ड, ऊंचाई पर कार्य करने के लिए सेफ्टीबेल्ट, फर्नेस पर कार्य करने के लिए हीट रजिस्टेंस एप्रान्स, लेग गार्ड, हिट रजिस्टेंस दस्ताने केमिकल्स हेण्डलिंग एवं प्रोसेस पर कार्यरत श्रमिकों को गमबूट्स, रबर एप्रान्स, रबर हेण्डग्लोब्स, केमिकल सेफ्टी गाॅगल्स एवं फेस शील्ड आदि उपलब्ध कराया जाना।
    • श्रमिकों के लिए पीने के पानी की उचित व्यवस्था किया जाना।
    • महिला एवं पुरूष श्रमिकों के उपयोग हेतु अलग-अलग पर्याप्त शौचालय तथा मुत्रालय की व्यवस्था करना।
    • कारखाने में प्रथम उपचार की व्यवस्था किया जाना।
    • कारखाने में 150 से ज्यादा श्रमिक नियोजित हों तो विश्राम गृह की व्यवस्था किया जाना।
    • कारखाने में 250 से ज्यादा श्रमिक नियोजित हों तो केन्टिन की व्यवस्था किया जाना।
    • कारखाने में अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था किया जाना।
    • श्रमिकों को सप्ताह में एक दिन साप्ताहिक अवकाश दिया जाना। श्रमिकों के कार्य घंटों का नोटिस प्रदर्शित किया जाना।
    • कारखाने में कार्यरत प्रत्येक श्रमिकों का हाजिरी रजिस्टर मंे नाम अंकित किया जाना।
    • संवैतनिक अवकाश का लाभ श्रमिकांे को 20 दिन पर एक दिन के दर से देना ।
    • श्रमिकों से ओव्हर टाईम पर कार्य कराये जाने पर उन्हें दोगुने दर से भुगतान किया जाना।
    • कारखाने में बाल श्रमिकों का नियोजन न करना।
    • महिला श्रमिकों से शाम 7.00 बजे से सुबह 6.00 बजे तक कार्य नहीं कराया जाना।
    • कारखाने में स्थापित क्रेन्स, भ्वपेज तथा अन्य लिफ्टिंग मशीन एवं दाब यंत्रों/उपकरणों का सक्षम व्यक्तियों से परीक्षण करवाया जाना।
    • श्रमिकों को सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित किया जाना।
    • मशीनों के समस्त चलायमान खतरनाक हिस्सों को सुरक्षा आवरण से सुरक्षित किया जाना।
    • खतरनाक श्रेणी के कारखानों में कार्यरत समस्त श्रमिकों का वर्ष मंे एक बार स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाना।
  • वेतन भुगतान अधिनियम-
    • कारखाने में 1000 श्रमिक हों तो आगामी माह की 7 तारीख एवं 1000 से ज्यादा हों तो 10 तारीख तक वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाना ।
  • मातृत्व हितलाभ अधिनियम-
    • समस्त महिला श्रमिकों को मातृत्व हित लाभ के प्रावधानों से अवगत कराया जाना। कारखाने में कार्यरत समस्त महिला श्रमिकों को मातृत्व हित लाभ के प्रावधानानुसार 12 सप्ताह का संवैतनिक अवकाश देते हुए रूपये 2500/- का मेडिकल बोनस दिया जाना।
  • श्रमिक क्षतिपूर्ति अधिनियम-
    • कारखाने में दुर्घटनाग्रस्त होने पर प्रत्येक श्रमिक को श्रमिक क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रावधानानुसार मुआवजे देना। यदि कारखाना प्रबंधन द्वारा मुआवजा देने संबंधी कोई विवाद किया जाता है तो आहत /मृत श्रमिक के आश्रित, श्रमिक क्षतिपूर्ति आयुक्त (श्रम न्यायालय) में अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।
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