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कर्मचारी राज्य बीमा सेवाए

  • कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 ; के अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा योजना, देश के अन्य राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ में लागू है । श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदाय करने वाली यह योजना सभी कारखानों, सिनेमाघरों, ट्रांसपोर्ट तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लागू होती है । संस्थानों में 10 या अधिक श्रमिक कार्यरत होने पर यह योजना लागू होती है । राज्य की निजी तथा सहायता प्राप्त शैक्षणिक एवं चिकित्सा संस्थाओं में यह योजना लागू की गई हैं ।
  • वर्तमान में रूपये 15,000/- प्रतिमाह वेतन पाने वाले श्रमिकों तथा उनके परिवारों को योजना का लाभ प्राप्त होता है । योजना में सम्मिलित श्रमिकों को बीमित व्यक्ति कहते हैं ।
  • बीमित व्यक्तियों के वेतन से उनके वेतन का 1.75 तथा नियोक्ताओं द्वारा बीमित के वेतन का 4.75 अंशदान नियमित रूप से कर्मचारी राज्य बीमा निगम को जमा करवाना होता है ।
  • योजना के अनुसार हितग्राहियों को चिकित्सा हितलाभ राज्य शासन द्वारा दिया जाता है ।
  • हितग्राहियों को चिकित्सा हितलाभ देने के लिये निर्धारित की गई सीलिंग वर्तमान में रूपये 2150 प्रति बीमित व्यक्ति प्रतिवर्ष है। इससे अधिक व्यय होने पर उसका वहन राज्य शासन के द्वारा किया जायेगा ।
  • कर्मचारी राज्य बीमा निगम (केन्द्रीय शासन का निगम) द्वारा हितग्राहियों को नगद हितलाभ दिये जाते हैं।
  • छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग के नियंत्रण में कार्यरत कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें द्वारा हितग्राहियों को चिकित्सा हितलाभ दिया जाता है ।
  • चिकित्सा हितलाभ पर होने वाले व्यय का निर्धारित सीलिंग के अन्तर्गत 1/8 भाग (12.5) राज्य शासन द्वारा तथा 7/8 भाग (87.5%) कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा वहन किया जाता है ।
  • कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें के अंतर्गत कुल 34 केन्द्रों के अन्तर्गत 37 औषधालय कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 2.7 लाख बीमित व्यक्ति तथा उनके परिवार हितलाभ प्राप्त कर रहें हैं ।
  • वर्षभर में समस्त औषधालयों में उपस्थित होने वाले मरीजों की संख्या लगभग 3 लाख होती है ।