राज्य औध्योगिक छत्तीसगढ़ का गठन 28 सितम्बर 2002 को छत्तीसगढ़ शासन के राज्य पत्र में प्रकाशन उपरांत जिसमें चेयरमेन औध्योगिक न्यायालय एवं एक सदस्य के साथ औध्योगिक न्यायालय का गठन हुआ हैं। धारा -9 छ0ग0औद्रयोगिक संबंध अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अनुसार राज्य9 में एक औदयोगिक न्याोयालय होगा जिसमें एक अध्युक्ष और एक या एक से अधिक इतने सदस्यद होंगे जिन्हेंा राज्यं शासन नियुक्ति करना उचित समझे1 धारा 7 क 1 औदयोगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत औदयोगिक टिब्यूतनल के चेयरमेन की नियुक्ति राज्य शासन द्वारा 5 वर्ष तक की आयु के लिए की जाती है | अधिकारिता औदयोगिक अधिकरण यघपि सिविल न्याकयालय नहीं है, उसकी अधिकारिता तथा प्रक्रिया सिविल न्याययालय से कुछ वीषयों में भिन्नध हैं तथापित औदयोगिक अधिकरण का काम न्यायिक होने के कारण वह न्याथयिक स्थारपन है1 औदयोगिक अधिकरण अपनी अधिकारिता में बैध श्रम हितों की रक्षा के लिए और औदयोगिक शांति बनाए रखने के लिए वह पक्षकारों के परस्पेर समझौतों की शर्तो के अलावा अपनी ओर से नए उत्तषरदायित्वल अधिरोपित कर सकता है1 धारा 8 छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 1960 में श्रम न्याायालय के गठन का प्रावधान है1 धारा 8 के अनुसार राज्यग सरकार की अधिसूचना द्वारा एक या अधिक श्रम न्याअयालय गठीत करेगी जो ऐसे स्था्नीय क्षेतरों में अधिकारिता रखेगें जो कि ऐसी अधिसूचना में विनिर्दिष्टे किये गये श्रम न्यातयालय आपराधिक मामलों के संबंध में श्रम न्यातयालय के न्या याधीश को प्रथम श्रेणी न्यांयिक दंडाधिकारी के समस्त शक्तियॉ प्राप्त रहती है तथा औदयोगिक न्याययालय के न्यामयाधीश को धारा 64 सी0जी0आई0आर0 एक्टे 1960 अनुसूची 2 ¼ए½ के विनिर्दिष्ट अधिनियमों में से किसी अधिनियम के अधीन दंडनीय अपराध बाबत्र दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत उच्चअ न्याडयालय के समस्ता शक्तियॉ प्राप्त होगी1 धारा 64 ए में औदयोगिक न्यारयालय तथा श्रम न्याययालय में अंतनिर्हित शक्तियों के व्या वत्ति संबंधी प्रावधान है1 इस अधिनियम में किसी भी बात के संबंध में यह नहीं समझा जायेगा कि वह औदयोगिक न्याशयालय एवं श्रम न्याययालय की ऐसे आदेश जो कि न्यायय के उददेश्यों की पूर्ति के लिए या इन न्या्यालयों की कार्यवाही के दुरूपयोग को रोकने के लिये आवश्याक हो, करने की अंतनिर्हित शक्तियों को सीमित करती है या उन पर अन्यइथा प्रभाव डालती है1 धारा 65 छ0ग0 औ0सं0 अधि0 में औदयोगिक न्या यालय को अपील संबंधी प्रकरण सुनवाई किये जाने का अधिकार है1 धारा 65 ¼3½ में जहॉ किसी प्रकरण में कोई श्रम न्यासयालय अपने आदेश द्वारा किसी कर्मचारी को बहाल किये जाने का निर्देश देता है और नियोक्ताि ऐसे आदेश के विरूदध औदयोगिक न्यादयालय के समक्ष कोई अपील प्रस्तुात करता है1 धारा 67 छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 में औदयोगिक न्याययालय की अधीक्षण की शक्तियॉ ¼पावर आफ सुप्रिंटेंडेंस½ के संबंध में प्रावधान दी गई है1 औदयोगिक न्या्यालय को उन समस्तड वीषयों के संबंध में जो अपीलीय या पुनरीक्षण, संबंधी अधिकारिता के अध्यतधीन हो, उन श्रम न्याहयालयों पर जो इस अधिनियम के अधीन गठीत किये गये हो अधीक्षण की शक्ति प्राप्तध होगी1 धारा 70 छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 में औदयोगिक न्याधयालय को विधि के प्रश्न अधिनियम तथा नियमों के निर्वचन के संबंध में शक्तियॉ दी गई है1 धारा 71 छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 में पुनर्विलोकन के संबंध में प्रावधान है1 धारा 76 छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 में किसी श्रम न्याधयालय के आदि के समक्ष की कार्यवाही न्याछयिक कार्यवाही होगी1 धारा 77 छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 में पक्षकार जिन पर बोर्ड आदि के आदेश आबदधकर होंगे व्य वस्था दी गई है1 धारा 78 बी छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 में श्रम न्याियालय औदयोगिक द्वारा मामलों के निपटारे के लिये समय की परिसीमा दी गई है1 छ0ग0 औ0 सं0 अधि0 की धारा 105 में श्रम न्यारयालय एवं औदयोगिक न्या0यालय को अन्य प्रकार के अवमानना संबंधी प्रकरणें की सुनवाई का क्षेतराधिकार है1 धारा 107 में अंतरिम आदेश श्रम न्याायालय एवं औदयोगिक न्या यालय को पारित करने की शक्ति प्रदत्ते की गई है1 धारा 107 ए में श्रम न्या यालय एवं औदयोगिक न्यारयालय को वीभागीय जांच की वैधता की जांच करने के पश्चा त्र श्रमिक को दिये गये दंडादेश मंक हस्त क्षेप करने का अधिकार दिया गया है1
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