देश की कुल कार्यशील जनसंख्या का लगभग 94% असंगठित श्रमिकों का है। इन श्रमिकों को सुनिश्चित रोजगार, उपयुक्त कार्यदशाऐं एवं सामाजिक सुरक्षा का अभाव रहता है । भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्यो में लगे श्रमिक जिन्हे सामान्य बोलचाल में निर्माण मजदूर कहा जाता है, असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में आते है। इन श्रमिकों के जोखिमपूर्ण परिस्थितियों मे कार्य करने, अस्थाई एवं अनियमित रोजगार, अनिश्चित कार्यावधि, मूलभूत तथा कल्याणकारी सुविधाओं के अभाव के कारण इनकी स्थिति अत्यंत कमजोर एवं दयनीय होती है। इन परिस्थितियों को दृष्टि गत रखते हुए ही निर्माण श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा हेतु विचार किया गया। इन श्रमिकों के कार्य के विशिष्ट स्वरूप, शारीरिक एवं सामाजिक सुरक्षा तथा कार्यदशाओं को विनियमित करने की दृष्टि से एक परिपूर्ण अधिनियम की आवश्यकता अनुभव की गई और इस प्रकार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तो का विनियमन) अधिनियम, 1996 को संसद द्वारा पारित किया गया तथा महामहिम राष्ट्रपति द्वारा दिनांक 19 अगस्त 1996 को अभिस्वीकृति दी गई। इस प्रकार निर्माण श्रमिकों को उपयुक्त कार्यदशाएं, कार्य के दौरान सुरक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 1996 में निम्न दो अधिनियम प्रभावशील किए गए -
(1) भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तो का विनियमन) अधिनियम, 1996
(2) भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तो का विनियमन) अधिनियम, 1996 के प्रावधानों के परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तो का विनियमन) नियम 2008 बनाया गया| इस प्रकार उपरोक्त अधिनियम एवं नियम के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों की सेवा शर्ते तथा उनकी सुरक्षा के संबंध में कल्याणकारी योजनाएं संचालित करने का प्रावधान किया गया है। इन कल्याणकारी योजनाओं का सनचालन करते हुए निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से मंडल के गठन का प्रावधान किया गया है । मंडल द्वारा इस अधिनियम के अंतर्गत निर्माण श्रमिकों का पंजीयन कर उन्हें विभिन्न योजनाओं में देय हितलाभो के माध्यम से संरक्षण प्रदाय किया जाता है। इस प्रकार इस अधिनियम एवं नियम के प्रावधानों के परिपालन में राज्य शासन द्वारा अधिसूचना क्रमांक एफ 10-1/2006/16, दिनांक 5 सितंबर 2008 के माध्यम से छत्तीसगढ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का गठन किया गया।