संविदा श्रमिक (नियमन एवं समाप्ति) अधिनियम 1970 |
यह अधिनियम संविदा श्रमिको के सेवा शर्तों का नियमन एवं कुछ स्थापनाओं में संविदा
श्रमिक प्रथा की समाप्ति का प्रावधान करता है| यह अधिनियम भारत शासन के राज पात्र
में 05-Sept-1970 में अधिसूचित किया गया था संविदा श्रमिक अधिनियम उन स्थापनाओं में
लागू होता है जहा पर 12 माह में कभी भी 20 या 20 से अधिक श्रमिक ठेकेदार के माध्यमं
से नियोजित करता है |
क्रमांक |
नियोजित श्रमिकों की संख्या |
देय शुल्क |
1 |
20 से कम |
60.00 |
2 |
20 से अधिक और 50 से कम |
100.00 |
3 |
50 से अधिक और 100 से कम |
200.00 |
4 |
100 से अधिक और 200 से कम |
400.00 |
5 |
200 से अधिक और 400 से कम |
800.00 |
6 |
400 से अधिक
|
1500.00 |
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ठेकेदार की अनुज्ञप्ति के लिए कार्यरत श्रमिकों के आधार पर देय शुल्क |
क्रमांक |
श्रमिकों की संख्या |
देय शुल्क |
1 |
20 से कम |
60.00 |
2 |
20 से अधिक और 50 से कम |
100.00 |
3 |
50 से अधिक और 100 से कम |
200.00 |
4 |
100 से अधिक और 200 से कम |
400.00 |
5 |
200 से अधिक और 400 से कम |
800.00 |
6 |
400 से अधिक
|
1500.00 |
टीप : 1) नवीनीकरण हेतु उपरोक्त शुल्क ही देय होगा |
2) वर्ष के 30 नवम्बर के पश्चात नवीनीकरण हेतु आवेदन के
साथ उपरोक्त देय शुल्क पर 25% अतिरिक्त राशी देय होगी | |
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ठेकेदार व्दारा अनुज्ञप्ति आवेदन के साथ अनुज्ञप्ति शुल्क के साथ-साथ नियोजित करने
वाले श्रमिकों की संख्या के आधार पर प्रति श्रमिक रूपये 1000 के मान से प्रतिभूति
राशि भी जमा करने का प्रावधान है| कार्य समाप्ति के पश्चात ठेकेदार व्दारा नियोजक
से कार्य समाप्ति एवं श्रमिक का कोई स्वतव बकाया नही होने सम्बन्धी प्रमाण पत्र के
साथ आवेदन प्रस्तुत करने पर प्रतिभूति राशि वापस करने का प्रावधान है|4; है| |